कम्प्यूटर के बढ़ते व्यवहार तथा अलग-अलग भाषाओं में कम्प्यूटर के उपयोग ने एक Public code की आवश्यकता को जन्म दिया, जिसमें संसार के प्रत्येक कैरेक्टर के लिए एक अलग कोड निर्धारित हो ताकि प्रत्येक भाषा, प्रत्येक प्रोग्राम तथा प्रत्येक साफ्टवेयर में उसका प्रयोग किया जा सके। इसके लिए यूनीकोड की व्यवस्था की गई जिसमें एक लाख कैरेक्टर के निरूपण की क्षमता हैं|
यूनीकोड विश्व की सभी भाषाओं में प्रयुक्त पहले 256 कैरेक्टर का निरूपण आस्की कोड (ASCI Code0) के समान ही है। इसमें प्रत्येक कैरेक्टर को 32 बिट में निरूपित किया जाता हैं। यूनीकोड में तीन प्रकार की व्यवस्था प्रयोग में लायी जाती हैं।
i. यूटीएफ – 8 (UTF-8-Unicode Transformation Format-8)
यूटीएफ-8 फार्मेट में समस्त यूनीकोड अक्षरों को एक, दो, तीन या चार बाइट के कोड में बदला जाता हैं।
ii. यूटीएफ – 16 (UTF-16)
इस फार्मेट में यूनीकोड अक्षरों को एक या दो शब्दों (1 शब्द = 16 बिट) के कोड में बदला जाता हैं। अत: इसे Word Oriented Format भी कहते हैं।
iii. यूटीएफ-32 (UTF-32)
इस कोड में समस्त अक्षरों को दो शब्दों (Words) यानी 32 बिट के यूनीकोड में बदला जाता हैं।
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